
✈️ सरला ठकराल: आसमान की पहली उड़ान भरने वाली भारतीय नारी 🇮🇳
भारत की पहली महिला पायलट, जिन्होंने 1936 में 21 वर्ष की उम्र में पायलट लाइसेंस प्राप्त कर इतिहास रच दिया। सरला ठकराल सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारतीय महिलाओं की हिम्मत, जुनून और उड़ान की प्रतीक हैं।
👧 एक सामान्य लड़की, असाधारण सपना
1914 में जन्मी सरला का बचपन एक सामान्य भारतीय परिवार में बीता, लेकिन ख्वाब बहुत ऊँचे थे। उन्होंने हमेशा कुछ नया, कुछ बड़ा करने की ठानी थी। उनके पिता और पति दोनों ने उन्हें खुलकर सपनों को जीने की प्रेरणा दी — एक दौर में जब महिलाएं सामाजिक बंधनों में जकड़ी होती थीं।
🛩️ जब उन्होंने पहनी साड़ी और उड़ाया जहाज़
1936 में, 21 साल की उम्र में उन्होंने ट्रेडिशनल साड़ी पहनकर एक दो सीटर प्लेन उड़ाया और भारत की पहली लाइसेंस प्राप्त महिला पायलट बनीं।
सोचिए, उस समय जब महिलाएं साइकिल चलाने से भी कतराती थीं, सरला आकाश में उड़ान भर रही थीं!
🌟 उनका सफर यहीं नहीं रुका
पति की मृत्यु के बाद उन्होंने पायलट की पढ़ाई बीच में छोड़ी, लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने लाहौर स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में दाखिला लिया और फिर एक सफल कलाकार और उद्यमी के रूप में अपनी दूसरी उड़ान भरी।
“जब सबने कहा – ‘तुम नहीं कर सकती’, तब सरला ठकराल ने कहा – ‘देखो मैं कैसे कर सकती हूँ’।
भारत की पहली महिला पायलट बनने वाली सरला जी की कहानी हर उस लड़की को समर्पित है, जो उड़ना चाहती है।