
बेटी की याद से बना भारत का सबसे भरोसेमंद ब्रांड – निरमा
ये सिर्फ एक वॉशिंग पाउडर की कहानी नहीं है,
ये एक पिता की ममता, एक सपना, और एक संकल्प की कहानी है।
गुजरात के करसनभाई पटेल, एक सरकारी कर्मचारी थे।
जिनकी जिंदगी उस दिन बदल गई, जब उनकी नन्हीं बेटी निरूपमा का असमय निधन हो गया।
💔 बेटी को खोकर करसनभाई पूरी तरह टूट चुके थे,
लेकिन उन्होंने अपने इस दर्द को एक उद्देश्य में बदल दिया।
उन्होंने बेटी की याद में एक डिटर्जेंट पाउडर बनाया,
जिसका नाम रखा — ‘निरमा’, अपनी बेटी निरूपमा के नाम पर।
🌼 साल 1969, अहमदाबाद का एक बैकयार्ड,
करसनभाई खुद डिटर्जेंट बनाते और
साइकिल पर ₹3 किलो में बेचते —
उस वक्त जब डिटर्जेंट आम आदमी की पहुंच से बाहर थे।
धीरे-धीरे, उनकी ईमानदारी और गुणवत्ता ने कमाल दिखाया।
📺 और फिर आया वो जिंगल,
जो आज भी हर किसी की ज़ुबान पर है:
“वॉशिंग पाउडर निरमा, वॉशिंग पाउडर निरमा…”
💡 करसनभाई की बेटी की कल्पना से बनी
वो पीली फ्रॉक में लड़की — आज हर घर की पहचान है।
आज ‘निरमा’ सिर्फ एक ब्रांड नहीं,
बल्कि एक भावना है, एक विरासत है, और एक पिता की अटूट ममता का प्रतीक है।